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क्या दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारी अन्य राज्यों की तरह जनता की सड़कों पर सुरक्षा के प्रति कदम उठाएंगे या राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक बनवाने में बने रहेंगे सहयोगी, जनता का सवाल ?

दिल्ली की सड़को पर गैर कानूनी तरीके से चलने वाले अनगिनत ई रिक्शों, निजी और बाहरी राज्यों में पंजीकृत वाहनों द्वारा व्यवसायिक गतिविधियां और जाम लगाने की जानकारी परिवहन विभाग के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और आला अधिकारी के साथ प्रवर्तन शाखा (दिल्ली यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और दिल्ली पुलिस) वालो की जानकारी में है पर फिर भी नही करते कोई कानूनी कार्रवाई। परिवहन विभाग और प्रवर्तन शाखा के आला अधिकारियों के द्वारा दिल्ली की जनता की सुरक्षा से अधिक राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक बनवाना ज्यादा जरूरी है जिस कारण उच्चतम न्यायालय भारत, दिल्ली उच्च न्यायालय और गैजेट नोटिफिकेशन जारी होने पर भी वह सभी अपनी आखों पर पट्टी और कानो में रूई डाल कर जनता की सुरक्षा के प्रति दिल्ली में गैर कानूनी तरीके से चलने और जाम लगाने वाले वाहनों पर सख्त कानूनी कार्यवाही के आदेश नही देते।

दिल्ली की जनता को अवगत करा दे सुरक्षा के प्रति कार्यवाही करवाने के प्रति कार्यरत प्रवर्तन शाखा के प्रमुख (दिल्ली यातायात पुलिस, दिल्ली पुलिस और दिल्ली परिवहन विभाग) भारत देश की राजधानी दिल्ली में जनता की सुरक्षा के प्रति सजगता दिखाने से अधिक सरकारी खजाने में जनता से कैसे अधिक से अधिक राजस्व जमा करवा पाए और राजनीतिक दलों के वोट बैंक सुरक्षित रखवा पाए के दायित्व में जुड़े हैं।

कानपुर
कानपुर में अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा पर होगी कार्रवाई

कानपुर में अलग-अलग मार्गों पर अवैध ई-रिक्शा को चलाया जा रहा है। एक ही रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट को बिना रजिस्ट्रेशन वाले रिक्शे चल रहे हैं।

कही-कही एक ही नंबर के ई-रिक्शे शहर में अलग अलग जगह पर चलाए जा रहे हैं. जिसके चलते शहर की हर सड़क पर ई-रिक्शे नजर आ रहे हैं और यातायात को बाधित कर रहे हैं। एक ई-रिक्शे के रजिस्ट्रेशन नंबर पर कई ई-रिक्शे चलाए जा रहे हैं। ऐसे कई ई-रिक्शों को देखा गया है, जिसको लेकर अब स्मार्ट सिटी की तरफ से सड़कों पर सॉफ्टवेयर और कैमरों से ऐसे वाहनों पर नजर रखी जाएगी और उन्हें चिन्हित कर सॉफ्टवेयर कंट्रोल रूम में संदिग्ध वाहनों की जानकारी देगा।

यातायात को ठीक करने और अवैध ई-रिक्शा के रोकथाम के लिए कानपुर जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने संयुक्त बैठक कर इस पर लगाम लगाने की ठान ली है और संभागीय परिवहन विभाग, कानपुर नगर निगम और पुलिस के संयुक्त होकर कार्यवाही और यातायात को बेहतर करने के लिए एक स्मार्ट सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी। कैमरा सड़कों पर नजर रखते हुए ऐसे वाहनों को चिन्हित कर लेगा और साथ ही पुलिस आयुक्त ने प्रतिबंधित मार्गों पर उन वाहनों को नही जाने के निर्देश भी दिए है। अवैध वाहनों और ई-रिक्शों को संचालित करने वालों को भी चिन्हित कर धारा 336 और 151 में कार्यवाही करने की भी बात कही है।

इंदौर
इंदौर में 3 मार्च से नए ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन पर रोक

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय इंदौर ने ई-रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है। विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। यह निर्णय जिला सड़क सुरक्षा समिति द्वारा लिए गये निर्णय के बाद लिया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप शर्मा के अनुसार ई-रिक्शा चालकों द्वारा निर्धारित रूटों पर वाहन नहीं चलाने, अव्यवस्थित तरीके से वाहन चलाने, क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करने से शहर की यातायात प्रबंधन व्यवस्था में गड़बड़ा हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को हुई जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एक माह 3 मार्च के बाद इंदौर में नए ई-रिक्शा के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी जाएगी। आरटीओ द्वारा बीते 9 फरवरी को यात्री ई-रिक्शा डीलरों की एक बैठक आयोजित की गई थी और उन्हें बताया गया कि वे ई-रिक्शा के शेष स्टॉक सहित अन्य जानकारी उपलब्ध कराएं। डीलरों को कहा गया कि आरटीओ कार्यालय को चेसिस नंबर सहित जानकारी दी जाए।

इंदौर नगर निगम ने शहर में ई-रिक्शा के खतरे को नियंत्रित करने के लिए एक नीति लाने का फैसला किया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि वे ई-रिक्शा के लिए नीति और प्रोटोकॉल तैयार करने पर काम कर रहे हैं, क्योंकि वे यातायात के मामले में शहर में खतरा पैदा कर रहे हैं। आईएमसी ने पहले ही ई-रिक्शा के लिए अलग-अलग रूट तय कर लिए हैं।

इंदौर शहर में ट्रैफिक फ्लो को सुचारू बनाने के लिए ई-रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन पर परिवहन कार्यालय इंदौर ने रोक लगा दी है और उनके लिए नए रूट बनाने का फैसले किया है। इसका ई-रिक्शा चालक संघ ने विरोध किया और करते 21 फरवरी से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।

लुधियाना
बिना नंबर के चल रहे ई-रिक्शा को ट्रैफिक पुलिस द्वारा 15 मार्च तक अल्टीमेटम

लुधियाना की सड़कों पर बिना नंबर के चल रहे ई-रिक्शा को ट्रैफिक पुलिस द्वारा 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया गया है। जो ई-रिक्शा 15 मार्च के बाद बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर चलते हुए दिखाई दिए तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ट्रैफिक पुलिस शहर में बिना ट्रेड सर्टीफिकेट के ई-रिक्शा बेचने वाले डीलरों की भी पहचान करेगी ताकि सड़कों पर बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे ई-रिक्शा पर नकेल कसी जा सके। लुधियाना में ई-रिक्शा की रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए आज 17 नवंबर, शनिवार को ट्रैफिक विभाग की ए.डी.सी.पी. गुरप्रीत कौर पुरेवाल ने ई-रिक्शा डीलरों के साथ अपने कार्यालय में बैठक कर स्पष्ट हिदायत जारी की है कि वे ई-रिक्शा बेचते समय ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दें और उसे टैंपरेरी नंबर जरूर अलॉट करें जो सिर्फ एक महीने के लिए ही वैध रहेगा।

उन्होंने डीलरों को यह भी हिदायत दी है कि उनके द्वारा बेचे गए पुराने ई-रिक्शा जिनकी रजिस्ट्रेशन नहीं हुई, उसकी पूरी सूची बनाकर विभाग के पास जमा कराई जाए। इसके बावजूद अगर किसी ई-रिक्शा की रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में डीलर की गलती सामने आई तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने से भी पुलिस गुरेज नहीं करेगी। जिस ई-रिक्शा डीलर के पास ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं, वह ई-रिक्शा नहीं बेच सकता। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस डीलरों के शोरूम में जाकर उनकी पहचान करेगी।

जयपुर
ई-रिक्शा वहीं चला सकेगा जिसके नाम होगा रजिस्ट्रेशन

जयपुर मे पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त यातायात एवं प्रशासन प्रीति चंद्रा के निर्देशन और डीसीपी लक्ष्मण दास के नेतृत्व में शनिवार 17 फरवरी को पुलिस आयुक्त कार्यालय में ई-रिक्शा संचालकों और अन्य वाहन यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में ई-रिक्शा व अन्य वाहन चालकों को जागरूकता को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गये। आने वाले सप्ताह से यातायात पुलिस एवं ई-रिक्शा एवं अन्य वाहन संघ के संयुक्त तत्वावधान में सुरक्षित ड्राइविंग को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।

ई-रिक्शा को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई हैं। सभी ई-रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा चलाते समय अपना पहचान पत्र रखना अनिवार्य है। ई-रिक्शा के लिए चालक के नाम पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। सभी ई-रिक्शा चालकों के पास वाहन के अनुसार लाइसेंस होना आवश्यक है। ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ई-रिक्शा चालान के संबंध में समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें और उसके बाद आरटीओ से ही चालकों का लाइसेंस प्राप्त करें। यदि 18 वर्ष से कम उम्र का कोई व्यक्ति वाहन चलाता पाया गया तो वाहन स्वामी के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सड़क के बायीं ओर यात्रियों को चढ़ाएगा और छोड़ेगा। सभी प्रकार के धीमी गति के वाहन सड़क के बाईं ओर एक लेन में चलेंगे।

*भारत की राजधानी दिल्ली में जहां गैर कानूनी तरीके से चलने और जाम लगाने वाले वाहनों पर पाबन्दी लगाना और नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अति आवश्यक है पर दिल्ली परिवहन विभाग के आला अधिकारी और प्रवर्तन शाखा प्रमुख विशेष आयुक्त परिवहन एवम् दिल्ली यातायात पुलिस को आम जनता की छोटी सी गलती पर राजस्व वसूल करवाना जरूरी लगता है पर इन पर कानूनी कार्रवाई नहीं।

संजय बाटला

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